सहायक प्राचार्य
Click Hereसंस्कृत भाषा समृद्ध ग्रथों के साथ-साथ व्यापक क्षेत्र में प्रयुक्त संप्रेषण का माध्यम भी है। यह महाविधालय सामाजिक विकास और समाज के एक व्यापक वर्ग की अभिव्यक्ति की संभावनाओं को आकार देने में संस्कृत की भूमिका को अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भाषा, साहित्य, समाज विज्ञान, पत्रकारिता तथा कला आदि विभिन्न क्षेत्रों में अध्ययन, शोध और नवाचार के अनेक उपक्रमों में यह महाविधालय संलग्न है। हमें ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने में भी अपना योगदान देने की जरूरत है। संस्कृत विश्व के कई भाषाओं कि जननी है । संस्कृत भाषा को ही प्रचारित करने में नहीं अपितु सांस्कृतिक मूल्यों को रक्षित करके आगे ले जाने और आने वाली पीढ़ी को उसे उपलब्ध कराने के लिए भी हमें काम करना है। हम सब को महाविधालय की बेहतरी के लिए शपथ लेनी चाहिए, यही राष्ट्र के निर्माण में हमारा योगदान होगा। ज्ञान को प्रचारित करने में भाषा कतई बाधा नहीं बननी चाहिए। हमारी सीमाओं को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए संस्कृत भाषा में नए ज्ञान का उत्पादन करने के लिए आगे आना चाहिए और यह हमारे गंभीर चिंतन-मनन का विषय भी होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि महाविधालय परिवार के सभी सदस्य इस कार्य में शामिल होकर उपलब्धि के नए मानदंड स्थापित करेंगे। इस शैक्षणिक एवं सामाजिक प्रयास में आप सबका हार्दिक स्वागत है।
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